एक लाइव प्रोग्राम और यशवंत सिन्हा से इंटरव्यू करने आये दीपक चौरसिया जी और सारे तामझाम की व्यवस्था मुझे ही करनी थी स्टार का काम भी यहाँ से देखना होता है सो किया .शांत और न जाने क्यों संदेह की दृष्टी रखने वाले दीपक जी सबको अटपटे लगे पर जब प्रोग्राम शुरू होने के पहले स्थानीय समस्याओं और भागीदारी करने आये सज्जनों के बारे में मुझसे जिरह किया तो लगा क्यों ये दीपक रोज और दमकता जा रहा है ......
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